मेरे सारे जख्मों की दवा तू है
मैं गर सच कहूँ मेरा खुदा तू है
यहाँ फुर्सत नहीं गैरों के लिए
और सबके लिए सोचता तू है
मेरी फरियाद सारी इबादतें
ना जाने कहाँ से देखता तू है
शिकवे गिले और मुहब्बत है
बेजुबां इश्क की इन्तेहा तू है
हम जो रुठे तो फिर ना मानेगे
आ भी जा अब बता कहाँ तू है
जब से जाना है समझा है तुम्हे
ये ज़र्रा जर्रा क्या, ये जहाँ तू है
मैंने देखा है हर लम्हे में तुम्हे
जहाँ ना देखा तुझे वहां तू है